Samuche souryamandal me rehne layak ek matra grah
prithbi prakriti ka anokha sangam hai, janha mahjood nadi, pahad , jungle aur
akash iss dharti ko lajabab banate hain, wonhi agar iss prakruti ke khubsurti me insano ka haath lag jaye to uska parinam
adbhut hota hai, hum baat kar rahe hain dunia ki esehi abiswasniya jagah ke
bare me jo prakruti aur insani budhi ka anutha mishran hai jinhe dekh kar apne
ankho par bharosa karna behad muskil hai .
धरती पर कई अद्भुत और रहस्यमय जगहें हैं, जो लोगों को हैरान कर
देती हैं। ऐसी ही एक जगह मध्य अमेरिकी देश बेलीज में भी है, जिसे 'ग्रेट ब्लू होल' कहा जाता है। असल में यह
एक गोलाकार गुफा है,
जो समुद्र में बनी है। इसका व्यास 318 मीटर है और गहराई 125 मीटर है। इस समुद्री
गुफा को स्कूबा डाइविंग के लिए दुनिया के सर्वोत्तम जगहों में से एक माना जाता है।
यही वजह है कि यहां अक्सर दुनियाभर से लोग आते रहते हैं।
माना जाता है कि 'ग्रेट ब्लू होल' का निर्माण करीब डेढ़ लाख
साल पहले से लेकर 15 हजार साल पहले तक कुल
चार चरणों में हुआ था। उस समय यहां समुद्र का स्तर काफी कम था, जिस वजह से यह गुफा
समुद्र के ऊपर दिखाई देती थी। बाद में जब समुद्र का स्तर बढ़ा तो यह गुफा भी पूरी
तरह पानी में डूब गई।
यह गुफा चूने से बनी है और इसके भीतर कई तरह की मछलियां और
अन्य समुद्री जीवों की प्रजातियां पाई जाती हैं। दुनियाभर के गोताखोर यहां पानी के
नीचे के टीलों को देखने के लिए आते हैं और इसके रहस्यों को समझने की कोशिश करते
हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि 'ग्रेट ब्लू होल' के अंदर कई गुफाएं हैं।
'ग्रेट ब्लू होल' को पूरी दुनिया में
प्रसिद्ध करने का श्रेय फ्रांस के वैज्ञानिक जैक्स कॉस्ट्यू को दिया जाता है।
उन्होंने इसके रहस्यों का खुलासा करते हुए इस जगह को दुनिया के शीर्ष पांच स्कूबा
डाइविंग जगहों में से एक घोषित किया था। साल 1971 में वो अपना जहाज लेकर
इस समुद्री गुफा की गहराई नापने आए थे।
साल 2012 में डिस्कवरी चैनल ने 'पृथ्वी की 10 सबसे अद्भुत जगहों' की सूची में 'ग्रेट ब्लू होल' को पहले स्थान पर रखा था।
आश्चर्य से भरी यह जगह यूनेस्को की विश्व विरासत स्थलों में से एक बेलीज बैरियर रीफ सिस्टम
का हिस्सा है। यह दुनिया का अपनी
तरह का सबसे बड़ा प्राकृतिक निर्माण है।
जर्मनी के क्रोमलाउ पार्क ब्रिज
को Devil’s
Bridge कहा जाता है। इस पुल की सबसे बड़ी
खासियत इसका अर्धगोलाकार मेहराब के आकार में बना होना है। यह पुल पूर्वी जर्मनी के
क्रोमलाउ पार्क में बना है। जब पुल के नीचे जलाशय में पानी शांत होता है और रोशनी
पड़ती है तो दूर से एक खूबसूरत गोलाकार आकृति बनती है। दर्शकों को यह दृश्य परियों
की कहानी जैसा लगता है।
इस पुल को बनने से जुड़ीं कई
कहानियां हैं। कहा जाता है कि इसको शैतानों की मदद से बनाया गया। कहानी के मुताबिक, पुल के
बिल्डर और शैतान के बीच एक डील हुई थी। शैतान ने पुल बनाने में मदद के लिए एक शर्त
रखी थी। पुल से पहले गुजरने वाले इंसान को खाने की शैतान ने शर्त रखी थी यानी पुल
से जो पहला इंसान गुजरता, शैतान उसे खा जाता।
फिर बताया जाता है कि पुल बनने के बाद बिल्डर ने
शैतान को बेवकूफ बनाना शुरू कर दिया। उसने कोशिश की कि कोई जानवर पहले पुल से होकर
गुजरे। लेकिन कहते हैं कि बिल्डर कामयाब नहीं हुआ और किसी वजह से मजबूरी में खुद
उसे पुल पर सबसे पहले जाना पड़ा और शैतान के लिए अपनी जिंदगी कुर्बान कर दी।
दुनिया की सबसे
खूबसूरत जगहों में से एक कैलिफॉर्निया में स्थित ऐसा घर hai, जहां लोग जाना तो क्या,
उसके बारे में सुनना
भी पसंद नहीं करते। पूरी दुनिया में अपनी कहानियों के लिए मशहूर विनचेस्टर
मिस्ट्री हाउस को अमेरिका का सबसे डरावना घर कहा जाता है। इस घर के सामने आपको
अपने देश की सबसे डरावनी जगह कहे जाने वाले भानगढ़ के किले के किस्से भी आम
लगेंगे।
ये घर बंदूक माफिया
विलियम वर्ट विनचेस्टर की पत्नी सारा विनचेस्टर ने बनवाया था। कहा जाता है कि सारा
ने ये घर खास भूतों के लिए बनवाया था। वो यहां रह सकें, इसलिए इतने कमरे वाला ये घर बनाया गया था। साल 1884 में इस घर का काम शुरू हुआ था और ये सालों-साल चला था।
ये घर वाकई में काफी
अजीब हैं। यहां कई ऐसे दरवाजे-खिड़कियां हैं जो कहीं नहीं खुलते। कमरों के अंदर
कमरे बनाए गए हैं, ऐसी सीढ़ियां हैं जो शुरू होते ही खत्म हो जाती हैं। वहीं
वेस्टर्न कल्चर में अशुभ माने गए नंबर 13
का भी इस घर में खूब
इस्तेमाल हुआ है। जैसे की सीढ़ियों में 13 स्टेप, खिड़कियों में 13
पैनल आदि
इस घर में कुल 161 कमरे हैं जिसमें से 40 केवल बेडरूम हैं। साढ़े 4
एकड़ में फैला ये
शापित घर आज एक फेमस टूरिस्ट अट्रैक्शन है। आज भी जब लोग यहां घूमने आते हैं तो
उन्हें कई तरह की आहटें महसूस होती हैं। कई लोगों को तो घर में परछाई भी दिखाई दी
है।
04.Nazca Lines , Peru
वैसे तो दुनिया में मिस्टीरियस फैक्ट भरे पड़े हैं
लेकिन कुछ फैक्ट आज भी लोगों को चौंकाने का काम करते हैं। ऐसा ही कुछ पेरू की
नाज्का लाइंस का है जो आज से 2500 साल पहले की बताई
जाती हैं। इन लाइंस का एलियंस से क्या कनेक्शन है, इसके बारे में एक
नई थ्योरी सामने आई है।
फेमस नाज्का लाइंस के बारे में ये नई थ्योरी सामने आई
है कि एलियंस को अट्रेक्ट करने के लिए ये लाइंस बनाई गईं थीं। इन लाइंस के बारे
में माना जाता है कि ये आज से 2500 साल पहले 500
BC से 200 BC के बीच बनाई गई
हैं।
ये डिजाइन एक सीरिज में बड़ी डिजाइन की तरह हैं
जिसमें कई तरह के जानवर बनाए गए हैं जैसे फिश, मंकी,स्पाइडर। कई तो
ह्यूमन की तरह फिगर्स बने हुए हैं। ये नाज्का लाइंस
दक्षिण अमेरिकी देश पेरू की राजधानी लीमा से 400 किमी साउथ में
हैं। यहां 800 स्ट्रेट लाइंस हैं
जिनमें 300 ज्योमैट्रिक डिजाइन बने हुए
हैं जिनमें से 7 एनिमल और प्लांट की
डिजाइन हैं। इनमें से कुछ तो 370 मीटर लंबे हैं।
वेबसाइट रैंकर के अनुसार, ये पैटर्न ऐसे बने हैं जिन्हें सिर्फ स्पेस से
ही देखा जा सकता है। ये डिजाइन बिल्कुल लोगों के द्वारा बनाए हुए हैं और ये Extra-terrestrials
के लिए एक सिग्नल था कि यहां लाइफ है।
सदियों से इस झरने के पानी का रंग लाल है। जिस जगह यह झरना
है, वहां का तापमान हमेशा
माइनस में रहता है,
लेकिन झरना फिर भी बहता रहता है। पहली बार साल 1911 में ऑस्ट्रेलिया के
जियोलॉजिस्ट ग्रिफिथ टेलर ने यहां आने की हिम्मत की और उन्होंने देखा कि यहां
तो खूनी वाटर फॉल गिर रहा है। उन्हें पहले लगा कि ये लाल रंग माइक्रोस्कोपिक लाल
शैवल की वजह से है मगर साल 2003 में टेलर की शैवाल वाली थ्योरी को गलत साबित
कर दिया गया।
नई रिसर्च में सामने आया था कि इस पानी में आयरन ऑक्साइड की
भरपूर मात्रा है। इसकी वजह से यहां पानी का रंग लाल हो जाता है। कुछ लोगों ने इसे
सच भी मान लिया। लेकिन कुछ शोधकर्ताओं को इस शोध पर भी विश्वास नहीं हुआ, तो उन्होंने दो कदम आगे
जाकर नया शोध किया। कोलोराडो कॉलेज और अलास्का यूनिवर्सिटी ने अपने शोध में पाया
कि पानी दरअसल एक बेहद विशालकाय तालाब से गिर रहा है।
खास बात यह है कि ये तालाब पिछले कई लाख सालों से बर्फ के
नीचे दबा हुआ था। पानी जैसे-जैसे जमना शुरू होता है, वो गर्मी छोड़ता है। यही
गर्मी चारों तरफ जमी बर्फ को गर्म करती है। इस प्रक्रिया की वजह से इस झरने से
लगातार पानी बह रहा है।
कुछ लोगों का तो यहां तक विश्वास है कि यहां पर कोई
आत्मा रहती है। इस आत्मा की वजह से ही पानी का रंग लाल है। वैज्ञानिकों के अनुसार, यहां के पानी के अंदर
आयरन आक्साईड होता है, जो हवा के संपर्क में आकर पानी को लाल बना देता है। उनका
अनुमान है कि इस जगह बर्फ के नीचे लौह तत्व की अधिकता है, जो पानी को लाल रंग देती
है। हालांकि यह लाल झरना अभी भी रहस्य बना हुआ है।
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